क्या आपको भी एसा लगता है की अंग्रेजी भाषा ज्ञान होना अथवा अंग्रेजी भाषा में सरलता पूर्वक संवाद कर पाना गर्व की बात है ? यदि हाँ तो क्या हिंदी भाषा और उर्दू ज़ुबान का ज्ञान होना उतने गर्व की बात नहीं ?, एसा मालुम पड़ता है अंग्रेजी भाषा जितनी आवश्यक है उतना ही उसके प्रति दिखावा भी किया जाता है, कम से कम भारत में तो ऐसा ही मालुम पड़ता है , हमारे देश में सिनेमा हिंदी और अन्य छेत्रिय भाषाओं में ही बनती और धूम मचाती हैं, कटरीना कैफ तक को हिंदी सीखना और बोलना पड़ता है, हमारे देश में आज भी गुलज़ार साहेब और मुनव्वर रना साहेब को चाहने वालों की कोई कमी नहीं, आज के दौर में अंग्रेजी भाषा के महत्व से कोई इनकार नहीं कर सकता और इसका ज्ञान होना सम्मान की बात होनी चाहिए पर साथ ही साथ अन्य भाषा का ज्ञान होना भी उतना ही सम्मान जनक मना जाना चाहिए, अंग्रेजी भाषा का ज्ञान नहीं होना कोई आपमान जनक बात नहीं मानी जानी चाहिए ।एक बार मुंशी प्रेम चंद, रामधारी सिंह दिनकर, हरिवंश राय बच्चन, कैफ़ी आज़मी, इब्ने सफी साहेब जैसे साहित्येकारों, कवियों, लेखकों को भाषा के सन्दर्भ में ज़रूर याद कीजियेगा ।।
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