अरे ओ हसीन रात ज़रा रुकना, हाँ कहो :), कहाँ जा रही हो ? सुबह की दहलीज़ तक :), रोज़ जाती हो ? हाँ :) , दिल नहीं भरता रोज़ रोज़ मिलने से ? नहीं बस चन्द पलों को ही तो हम मिलते हैं, और मैं सदियों से सुबह की इसी एक झलक पाने को जाग रही हूँ , हम्म, पर तुम क्यों तनहा खड़े हो यहाँ ? मैं किसी का इंतज़ार कर रहा हूँ :), किसका इंतज़ार ? वो अपनी नींद है ना उसी का , अच्छा क्यूँ आज कल वक़्त से नहीं आती क्या ? नहीं थोड़ी थोड़ी रूठी हुई है आज कल :), तो चलो मेरे साथ , नहीं तुम जाओ मैं इंतज़ार करूँगा बस आती होगी वो वैसे भी मैं अगर तुम्हारे साथ गया तो सुबह मिझे अपने साथ लेता जायेगा और मैं अपनी नींद से नहीं मिल पाऊंगा , अच्छा तो मैं चली, हम्म सुबह को मेरा सलाम कहना....।।
dost_rahman
Thursday 26 June 2014
Thursday 29 May 2014
अपनी भाषा अपना सम्मान
क्या आपको भी एसा लगता है की अंग्रेजी भाषा ज्ञान होना अथवा अंग्रेजी भाषा में सरलता पूर्वक संवाद कर पाना गर्व की बात है ? यदि हाँ तो क्या हिंदी भाषा और उर्दू ज़ुबान का ज्ञान होना उतने गर्व की बात नहीं ?, एसा मालुम पड़ता है अंग्रेजी भाषा जितनी आवश्यक है उतना ही उसके प्रति दिखावा भी किया जाता है, कम से कम भारत में तो ऐसा ही मालुम पड़ता है , हमारे देश में सिनेमा हिंदी और अन्य छेत्रिय भाषाओं में ही बनती और धूम मचाती हैं, कटरीना कैफ तक को हिंदी सीखना और बोलना पड़ता है, हमारे देश में आज भी गुलज़ार साहेब और मुनव्वर रना साहेब को चाहने वालों की कोई कमी नहीं, आज के दौर में अंग्रेजी भाषा के महत्व से कोई इनकार नहीं कर सकता और इसका ज्ञान होना सम्मान की बात होनी चाहिए पर साथ ही साथ अन्य भाषा का ज्ञान होना भी उतना ही सम्मान जनक मना जाना चाहिए, अंग्रेजी भाषा का ज्ञान नहीं होना कोई आपमान जनक बात नहीं मानी जानी चाहिए ।एक बार मुंशी प्रेम चंद, रामधारी सिंह दिनकर, हरिवंश राय बच्चन, कैफ़ी आज़मी, इब्ने सफी साहेब जैसे साहित्येकारों, कवियों, लेखकों को भाषा के सन्दर्भ में ज़रूर याद कीजियेगा ।।
Sunday 25 May 2014
समय चक्र और हम ।
मीट्टी के बर्तन का निर्माण कुम्हार जिस अथक परिश्रम,शांत मन,एकाग्रता, और कुशलता से करता है यदी हम अपने भविष्य का निर्माण भी उसी प्रकार करें तो मुझे विशवास है की हम उसमे आवश्य सफल होंगे , जिस प्रकार चक्र पर कुम्हार सुन्दर घड़े का निर्माण करता है उसी प्रकार हम भी यदि समय के चक्र से ताल मेल कर लें तो सुन्दर घड़े के समान सुन्दर भविष्य का निर्माण आवश्य कर सकते हैं।
Respect women
किसी स्त्री की ओर किसी पुरुष का आकर्षित होना स्वाभाविक एवंम प्रकिर्तिक है, किन्तु किसी स्त्री से अभद्र, हिंसक,अशलील एवंम किसी भी प्रकार का दुर्वेहवार करने वाला पुरुष ना केवल मानसिक रूप से बीमार है बल्कि उसकी आत्मा भी रोगी है ।यदि घर के भीतर स्त्री को उचित सम्मान मिले तो घर में पल रहे बालकों को बालपन से ही यह ज्ञान मिलेगा की स्त्री का सम्मान करना आवश्यक है ,यदि बालपन से ही उचित मार्गदर्शन हो तो ये बालक जब युवा अवस्था को पहोंचेंगे तो मुझे विश्वास है ये स्त्री को उचित सम्मान आवश्य देंगे।।